अफ़्रीकी अध्ययन के लिए केंद्र
अफ़्रीकी अध्ययन का यह केंद्र, अफ्रीका के अध्ययन हेतु एक बहुविषयक केंद्र है। इसका उद्देश्य, बहुविषयक द्रष्टिकोण के माध्यम से, अफ़्रीकी मामलों के ज्ञान को बढ़ाने तथा समझने के लिए, अफ़्रीकी अध्ययन को एक शैक्षिक कार्यक्रम के रूप में बढ़ावा देना है। यह देशभर से तथा विदेशों से अफ्रीका में सक्रीय रूचि रखने वाले विद्धवानों को एक साथ लाता है। केंद्र में अध्ययन के दो मुख्य कार्यक्रम हैं – एम-फिल तथा पीएचडी। यह अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के विद्यालय द्वारा प्रस्तुत एम.ए कार्यक्रमों के पाठ्यक्रमों को भी पेश करता है। केंद्र के शिक्षा तथा शोध कार्यक्रम को, क्षेत्र से संबंधित दोनों, पारंपरिक तथा समकालीन मुद्दों को समाविष्ट करने के लिए तैयार किया गया है।
केंद्र का वर्तमान शैक्षणिक पाठ्यक्रम निम्नलिखित महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केन्द्रित है : क्षेत्रीय संगठनों, सरकार तथा राजनीति, राज्य तथा नागरिक समाज, विचारधाराओं, शासन, प्रवासियों, द्विपक्षीय संबंधों, विकास के मुद्दों तथा प्रमुख अफ़्रीकी देशों की विदेश नीति। इसके अलावा, केंद्र के पास अपना स्वयं का अनुसन्धान है जो अफ्रीका के साथ एशियाई अनुबंध पर केन्द्रित है। शोध के विकास को, प्रशिक्षण तथा विदेशों के विद्वानों के साथ बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए, केंद्र आईसीसीआर द्वारा निधिबद्ध, नेल्सन मंडेला चेयर आयोजित करता है, जिसके माध्यम से अफ़्रीकी देशों से प्रत्येक सेमेस्टर अथिति संकाय/अध्यापकों को आमंत्रित किया जाता है। अथिति संकाय/अध्यापक केंद्र के विभिन्न कार्यक्रमों तथा गतिविधियों में भाग लेते हैं।
केंद्र द्वारा, विद्धवानों के बीच विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा द्वारा अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों को मज़बूत करने हेतु, नियमित रूप से सेमीनार तथा सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। अपने उदेश्यों की प्राप्ति हेतु, केंद्र विभिन्न प्रकार के अफ़्रीकी मामलों में, जो भारतीय शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित होते है, में शामिल होता है। यह अफ्रीकी अध्ययन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (www।africanstudies।in) के स्थायी सचिवालय का आयोजन करता है, जोकि सभी विषयों, तथा सभी भारतीय विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों से आये भारतीय अफ्रीकनों का एक सर्वोच्च शैक्षिक संघ है।
अफ़्रीकी अध्ययन पर यूजीसी क्षेत्र अध्ययन केंद्र (यूजीसी-सीएएस)
केंद्र के पास अफ़्रीकी अध्ययन हेतु एक नियमित यूजीसी केंद्र हैं। यह संकाय को अफ्रीका में दौरों के लिए वित्तीय सहायता तथा शोध सेमिनार तथा प्रकाशनों जैसी शैक्षणिक गतिविधियों को समर्थन प्रदान करता है।
प्रवासी भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कार्यक्रम (डीआईएमपी)
केंद्र के पास विकास में प्रवासी भारतीय पर मुख्य शोध कार्यक्रम है: 2014-2019 के लिए जेएनयू द्वारा यूपीई II योजना के तहत निधिबद्ध “वैश्वीकरण के दोहन का तुलनात्मक मूल्यांकन”। परियोजना के प्रधान अन्वेषक प्रो. अजय दुबे जी है तथा सह- अन्वेषक प्रो. एस. एन. मालाकार जी और डॉ. जमाल मूसा जी हैं।